श्री महाकालेश्वर की पंचम सवारी 11 अगस्त को, पांच स्वरूपों में देंगे दर्शन: क्षिप्रा घाट पर होगा पूजन-अभिषेक, जनजातीय नृत्यों और धार्मिक झांकियों से सजेगी उज्जैन नगरी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

भगवान श्री महाकालेश्वर की भाद्रपद मास में निकलने वाली वार्षिक परंपरा की पंचम सवारी 11 अगस्त, सोमवार को भक्तिभाव और सांस्कृतिक वैभव के संग निकलेगी। इस अवसर पर महाकाल भक्तों को भगवान के पांच दिव्य स्वरूपों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में, श्री मनमहेश गजराज पर, श्री शिवतांडव गरूड़ रथ पर, श्री उमा-महेश नन्दी रथ पर और श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद डोल रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण करेंगे।

सवारी की शुरुआत श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में श्री चन्द्रमौलेश्वर के विधिवत पूजन-अर्चन से होगी। इसके बाद पालकी में विराजमान भगवान को मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा पारंपरिक सलामी दी जाएगी। यात्रा महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई पवित्र रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा नदी के पावन जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए पुनः मंदिर लौटेगी।

भक्तों के लिए विशेष निर्देश और व्यवस्था

मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं से सवारी मार्ग पर अनुशासन और सुरक्षा बनाए रखने की अपील की है। व्यापारीगण सवारी मार्ग पर भट्टी या तेल का कढ़ाव न रखें, दर्शक विपरीत दिशा में न चलें और निर्धारित स्थान पर ही खड़े रहें। मार्ग में वाहन खड़ा न करें और पालकी के आसपास अनावश्यक भीड़ न हो। प्रसाद, चित्र या सिक्के सवारी के दौरान न फेंके, ताकि यात्रा सुचारु रूप से आगे बढ़ सके।

सभी श्रद्धालुओं को सहज दर्शन के लिए चलित रथ व्यवस्था भी की गई है, जिसमें दोनों ओर लगे एलईडी स्क्रीन पर सवारी का सीधा प्रसारण होगा। फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा सहित शहर के कई क्षेत्रों में भी लाइव टेलीकास्ट होगा, जिससे दूर से भी भक्त महाकाल के दर्शनों का लाभ उठा सकेंगे।

जनजातीय लोकनृत्यों से सजती परंपरा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार, इस बार सवारी को और भव्य रूप देने के लिए चार जनजातीय एवं लोकनृत्य दल भी सहभागी होंगे। बैतूल से मिलाप इवने के नेतृत्व में गौण्ड ठाट्या नृत्य, खजुराहो से गणेश रजक के नेतृत्व में कछियाई लोकनृत्य, दमोह से पंकज नामदेव के नेतृत्व में बधाई लोकनृत्य और डिण्डोरी से सुखीराम मरावी के नेतृत्व में गेडी जनजातीय नृत्य अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से वातावरण को जीवंत करेंगे। ये सभी दल संस्कृति विभाग, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद और त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय के सहयोग से भाग ले रहे हैं।

धार्मिक झांकियों में झलकेगा मध्यप्रदेश का आध्यात्मिक वैभव

सवारी में धार्मिक पर्यटन थीम पर आधारित भव्य झांकियां भी होंगी—श्री राजाराम लोक (ओरछा), सर्वसिद्धि श्री मां बगलामुखी मंदिर, मां शारदा शक्तिपीठ (मैहर) और देवीलोक मां श्री बिजासन धाम (सलकनपुर) की प्रतिकृतियां भक्तों को मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक धरोहर का अद्भुत परिचय देंगी।

Leave a Comment